संपादकीय रिपोर्ट

नेपाल प्रभाग में लगातार भारी बारिश के बाद कोसी नदी एक बार फिर उफान पर है। पिछले 24 घंटे में कोसी नदी का जलस्तर करीब 4 लाख क्यूसेक बढ़ा है। दोपहर 12 बजे तक डिस्चार्ज 6 लाख 81 हजार क्यूसेक को पार करने की आशंका है। कोसी में उफान के कारण सुपौल समेत सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिले में भारी तबाही की आशंका है। यही वजह है कि जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने संबंधित जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट जारी किया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार नेपाल में हुई बारिश के कारण कोसी 56 साल बाद रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है। इससे पहले 1968 में कोसी ने रिकॉर्ड तोड़ा था। इसका सबसे बड़ा कारण नेपाल में भारी बारिश है। जल संसाधन विभाग की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार शनिवार दोपहर 12 बजे कोसी बराज के 56 गेट खोल दिए गए। इससे कोसी में 6.81 लाख क्यूसेक पानी आएगा। कोसी बराज खोलने के बाद सुपौल में जिला प्रशासन अनाउंसमेंट कर रहा है। सुबह 7 बजे तक 4 लाख 18 हजार 285 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। बराज के दोनों तरफ लाल झंडे और लाइट लगा दिए गए हैं। कोसी के अलावा गंडक भी अपना 21 साल का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है। पूरे उत्तर बिहार के 13 जिले खतरे में हैं। वाल्मीकिनगर गंडक बराज को शुक्रवार रात 12 बजे खोल दिया गया है। गंडक बराज खोलने के बाद शनिवार को गंडक बराज से 5 लाख 93 हजार क्यूसेक पानी भी छोड़ा गया। अनुमान है कि शाम तक गंडक बराज से छोड़ा गया पानी 5 लाख क्यूसेक तक पहुंच जाएगा। गंडक के आसपास के जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। इसके कारण बगहा, बेतिया, गोपालगंज, छपरा आदि जिलों में बाढ़ की आशंका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *