विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा डा प्रभात दास फाउंडेशन के द्वारा “संस्कृत और विज्ञान” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित

Bybiharactivistnews

Feb 6, 2024 #AISF, #ALINAGAR, #Annual sports competition organized at 'The Foundation Academy' located in Rambagh, #Araria, #ARWAL, #Aurangabad, #Bahadurpur, #bahera, #Baheri, #Banka, #Begusarai, #Benipur, #Bhagalpur, #Bhojpur, #Bihar, #Bihar-jharkhand, #Biharpolice, #Biraul, #BJP, #Bjpbihar, #Blood Banks, #Business, #Buxar, #C. M. Science College, #cbse, #Central Board of Secondary Education, #Children's fair was organized in the premises of, #Children's fair was organized in the premises of Darjeeling Public School, #Civil Surgeon Darbhanga, #CM, #Cmnitish, #CMO, #CPI, #CPI-ML, #Crime news, #D.C.E., #Darbhanga, #Darbhanga Crime news, #Darbhanga Engineering College, #Darbhanga stood first in revenue generation in Samastipur Railway Division while Samastipur stood second., #Darjeeling Public School, #DCE, #DCE DARBHANGA, #Delhi Public School Kaidrabad Three-day annual database event, #DGP BIHAR, #DMCH, #Dmdarbhanga, #DPS, #Drmspj, #East Central Railway, #EastChamparan, #Economy, #Education, #Environment, #farmer, #farmer laborer, #FarmersWelfare, #Fitness, #GauraBauram, #Gaya, #Ghanshyampur, #Gopalganj, #Hajipur, #Health, #Indian Railway, #Intensified Mission Indradhanush 5.0 first cycle launched, #Intensive Mission Indradhanush 5.0, #International, #Jamui, #Jehanabad, #Jhanjharpur, #Kaimur, #Katihar, #Keoti, #Khagaria, #Kishanganj, #Kusheshwarsthan, #Lakhisarai, #LNMU, #lnmu Syndicate, #LNMU UNIVERCITY, #Madhepur, #Madhepura, #Madhubani, #Maharajadhiraja Sir Kameshwar Singh, #mechanization fair, #Motihari, #MUNGER, #Muzaffarpur, #Nalanda, #Nawada, #Patna, #Play Schools, #Political News, #prd, #pressclubofdarbhanga, #purnia, #Rohtas, #Saharsa, #Samastipur, #SAMSTIPUR, #Sanjay Saraogi, #Saran, #SBI, #sheikhpura, #Sheohar, #Sitamarhi, #Siwan, #spmadhubani, #Sspdarbhanga, #SSPMADHUBANI, #STATEBANKOFINDIA, #Supaul, #Syndicate, #Tardhi, #Tejashwi Yadav, #University, #Upendra Kushwaha

ब्यूरो रिपोर्ट दरभंगा 

सेमिनार में डा घनश्याम, डा विनय, प्रो जीवानन्द, डा चौरसिया, डा ममता, मुकेश झा, रीतु, सुजय, नंदलाल, विभूति तथा रंजेश्वर आदि ने रखे विचार

दरभंगा :- संस्कृत आदि भाषा है और इसका विज्ञान के विकास में व्यापक अनुदान है। असल में संस्कृत ही विज्ञान है। ये बातें केएसडीएसयू, दरभंगा के वेद विभागाध्यक्ष डा विनय कुमार तय मिश्र ने लनामिवि के संस्कृत विभाग और डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के द्वारा आयोजित “संस्कृत और विज्ञान” विषय राष्ट्रीय सेमिनार में कही। उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा की महत्ता इसी से समझी जा सकती है कि यह आधुनिक युग में उत्पन्न कम्प्यूटर की भी सबसे सटीक भाषा के तौर में इस्तेमाल की जा रही है। ब्रह्मांड के रहस्यों को भी संस्कृत के सहारे ही समझा गया है। विकासवाद के जिस सिद्धांत को चाल्स डार्विन ने प्रतिपादित किया है, वह भी संस्कृत में पहले से ही दशावतार के रूप में मौजूद है।

इसके अलावा अणु से परमाणु तक रहस्य भी संस्कृत में उजागर हो चुका है। उन्होंने कहा कि संस्कृत में विज्ञान है। वहीं संस्कृत है, तभी विज्ञान है, क्योंकि संस्कृत विज्ञान का मूल आधार है। इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित प्रधानाचार्य प्रो जीवानंद झा ने बताया कि संस्कृत में ही मूल विज्ञान निहित है। इन तथ्यों से लोग इसलिए अवगत नहीं हैं, क्योंकि विदेशी आक्रांताओं ने इसे गौण एवं नष्ट कर दिया। प्राचीन काल में भारत की चिकित्सा व्यवस्था इतनी उन्नत थी कि विदेशी भी इलाज कराने यहां आते थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत के ग्रंथों की विविध भाषाओं में अनुवाद विश्व की लगभग सभी भाषाओं में हुआ है। यह ज्ञान एवं विज्ञान की निधि है। गीता में मन के विज्ञान पर गंभीर चिंतन हुआ है।


विषय प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं संस्कृत विभाग के वरीय प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि मानवीय सभ्यता इतनी उन्नत संस्कृत की बदौलत ही बनी है।

आज चालक रहित विमान मौजूद है, जबकि रामायण काल में मन की गति से चलने वाला पुष्पक विमान था। संस्कृत और विज्ञान गहरे रूप में जुड़ा हुआ है। इसे कंप्यूटर भी सर्वाधिक शुद्ध भाषा मानता है। संस्कृत और विज्ञान एक- दूसरे के पूरक हैं, जिनमें अन्योन्याश्रित संबंध है। संस्कृत में विज्ञान की सभी शाखाएं वर्णित हैं।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने कहा कि विज्ञान की जड़े खोजते ही संस्कृत का दर्शन होता है। इससे साफ हो जाता है कि विज्ञान का जन्म संस्कृत से ही हुआ है।

विश्व की सभी पहलुओं का वर्णन संस्कृत में मिलता है वही विज्ञान की सभी शाखों का मूल केंद्र बिंदु संस्कृत साहित्य में दृष्टिगोचर होता है उन्होंने बताया कि वैदिक गणित संक्षिप्त एवं शुद्ध रूप में गाना करता है चिकित्सक सुश्रुत ने 121 चिकित्सा उपकरणों का वर्णन किया है। रोमन में जहां 50 हजार लिखने के लिए 50 बार एम लिखना पड़ता है। वहीं संस्कृत में केवल पांच पर 4 बार शून्य लिखने की जरूरत होती है।


अतिथियों का स्वागत डॉ ममता स्नेही ने और धन्यवाद ज्ञापन फाउण्डेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने दिया। वहीं संचालन जेआरएफ रीतु कुमारी ने किया। सेमिनार को शोधार्थी नंदलाल कुमार, विभूति झा, राजेश्वर झा आदि ने भी संबोधित किया।
आगत अतिथियों का स्वागत पाग, चादर एवं पुष्प- पौधों से किया गया, जबकि कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में अमित कुमार झा, पंकज कुमार, सदानंद विश्वास, मनी पुष्पक घोष, प्रशांत कुमार झा, डा संजीत कुमार राम, अनुराग, देव कुमार झा, राजकुमार, अनिल कुमार सिंह, राकेश कुमार, मंजू अकेला, उदय कुमार उद्देश्य तथा योगेंद्र पासवान आदि सहित 70 से अधिक संस्कृत प्रेमियों, शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिन्हें प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *